आज हिमालय की चोटी से, ध्वज भगवा लहराएगा ।


आज हिमालय की चोटी से, ध्वज भगवा लहराएगा ।
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत स्वर्ग बनाएगा ॥


इस ध्वज की महिमा तो देखो, रंगत अजब निराली है ।
इस पर तो ईश्वर ने डाली सूर्योदय की लाली है ।
प्रखर अग्नि में इसकी गिर, शत्रु स्वाहा हो जाएगा ।।
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत स्वर्ग बनाएगा ॥


इस झंडे को चन्द्रगुप्त ने हिन्दू-कुश पर लहराया ।
मरहटों ने मुग़ल-तख़्त को चूर-चूर कर दिखलाया ।
मिट्टी में मिल जाएगा जो इसको अकड़ दिखाएगा ॥
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत स्वर्ग बनाएगा ॥


इस झंडे की खातिर देखो प्राण दिए रानी झांसी ।
हमको भी यह व्रत लेना है, सूली हो या हो फांसी।
बच्चा-बच्चा वीर बनेगा, अपना रक्त बहाएगा ॥
जाग उठा है हिन्दू फिर से, भारत स्वर्ग बनाएगा ॥