गढ़िया लोहार समाज ने पूरी दुनिया के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया

महामारी के संकट में गढ़िया लोहार समाज ने पूरी दुनिया के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया.


जिस वक्त गढ़िया लोहार समाज ने यह रकम दान की, वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। 


संकट के समय पूरा देश एक है। और एक-दूसरे की मदद की करने की इसकी संस्कृति है, सका एक उदाहरण देखने को मिला. सदियों से आभावग्रस्त खानाबदोश (घुमंतू) जिंदगी जीने वाले गढ़िया लोहार समाज ने पूरी दुनिया के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। 


महामारी के संकट में मालवीय मिशन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती के साथ मिलकर दिल्ली की घुमंतू जातियों के बीच राहत सामाग्री वितरण का कार्य कर रहा है. मिशन लॉकडाउन के बीच अन्य घुमंतू जातियों के साथ-साथ गढ़िया लोहार परिवारों के बीच भी अब तक दो बार राशन वितरित कर चुका है।


यह सब देख इस स्वाभिमानी समाज ने अपनी क्षमता से बढ़कर अपनी तरफ से समाज की मदद करने का संकल्प लिया. उन्होंने दिल्ली की 185 बस्तियों के लोगों से संपर्क किया और 51,000 रुपये इकट्ठा किया. यह रकम उन्होंने अपना पेट काटकर इकट्ठा की।


महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्होंने बेसहारा और जरूरतमंदों की सेवा में अहर्निश लगे सेवा भारती को दान करने का संकल्प लिया. जिस वक्त गढ़िया लोहार समाज ने यह रकम दान की, वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।