आज रामनवमी का पर्व है। और एक भिन्न प्रकार के वातावरण में हम यह पर्व मना रहे हैं। भगवान राम ईश्वर का अवतार थे और सारी आसुरी शक्तियों से संघर्ष करते हुए उन्होंने उस समय, मूल्यों की और मानव समाज की रक्षा की है
आज हम एक भिन्न प्रकार के संकट से गुजर रहे हैं। सारे विश्व का मानव समूह इस भयानक संकट से कहीं भयग्रस्त है और कहीं आपदाओं को झेल रहा है.इस समस्या का समाधान शासन और चिकित्सकों के द्वारा दी गई सभी प्रकार की सूचनाओं का पालन करके ही इस संकट से हम सब मुक्त हो सकते हैं।
इस घड़ी में देश भर में सभी स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हुए हैं।जैसी-जैसी आवश्यकताएं निर्माण होती हैं, उन आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए देशभर में हजारों स्वयंसेवक सेवाभाव से समाज की इस पीड़ा में समाज के साथ खड़े हुए हैं।
आज लगभग 10हजार स्थानों पर एक लाख से अधिक स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति (भोजन सामग्री पहुंचाना,चिकित्सालयों में जाकर सेवा देना) करने में लगे हुए हैं।इस योजना के तहत करीब 10लाख परिवारों तक संघ के स्वयंसेवक किसी न किसी माध्यम से पहुंचे हैं।
महाराष्ट्र में कई जगहों पर घुमंतू जातियों की बस्तियों में संघ के स्वयंसेवकों ने जाकर उनके लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था करना प्रारंभ किया है।अभी तक एक हज़ार तक स्वयंसेवकों ने रक्तदान करते हुए एक चिकित्सालय की आवश्यकता पूर्ति करने में एक पहल की है।
सुरक्षा में लगे हुए कर्मचारी,स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए चिकित्सक,परिचारिकाएं,अन्य कर्मचारी वर्ग रात-दिन मेहनत करके अपने समाज को नियमों का पालन करने में और उनको सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगे हैं,ऐसे बंधुओं को भी भोजन, अल्पाहार की व्यवस्था भी स्वयंसेवक कर रहे हैं।
-श्री सुरेश भैय्या जी जोशी, सरकार्यवाह