26 जनवरी 1963 को आरएसएस के 3500 गणवेशधारी स्वयं सेवक को स्वयं प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर राजपथ पर परेड में शामिल हुए थे

26 जनवरी 1963 को RSS के 3500 गणवेशधारी स्वयंसेवक स्वयं प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर राजपथ पर परेड में शामिल हुए थे


सन 1962 में चीन से युद्ध के बाद पूरा भारत काफी हताश था लेकिन नेहरु गणतंत्र के अवसर पर इस बात को महसूस नही होना देना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि इस बार परेड में राष्ट्रसेवा करने वाली संस्थाओं को शामिल किया जाना चाहिए, संघ को इस परेड में शामिल होने के लिए 24 जनवरी को न्योता मिलता, इस परेड में संघ को तैयारी के लिए सिर्फ दो दिन मिले थे।


बाद में कुछ कांग्रेसी नेताओं ने संघ को निमंत्रित किये जाने के पंडित नेहरू के निर्णय पर आपत्ति जताई तो उन आपत्तियों को दरकिनार कर नेहरू जी ने कहा कि सभी देशभक्त नागरिकों को परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।


श्री जवाहर लाल नेहरू ने आरएसएस स्वयंसेवकों की भावना को देखते हुए यहां तक कहा कि “यह दर्शाने के लिए कि केवल लाठी के बल पर भी सफलतापूर्वक बम और चीनी सशस्त्र बलों से लड़ा सकता है, विशेष रूप से 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए आरएसएस को आकस्मिक आमंत्रित किया गया।