जयपुर में संपन्न हुआ प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार
जयपुर में संपन्न हुआ प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन





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 कार्यक्रम को संबोधित करते श्री इंद्रेश कुमार 

 

 

जिन देशों में अल्पसंख्यकों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है, उन देशों को भारत के बारे में मानवता की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है।

 

 

 

पिछले दिनों विश्व संवाद केंद्र, जयपुर द्वारा महेश्वरी पब्लिक स्कूल के सभागार में 'नागरिकता संशोधन कानून-तथ्य एवं हमारा कर्तव्य' विषय पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इंद्र्रेश कुमार उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन पड़ोसी देशों में मजहबी प्रताड़ना से त्रस्त शरणार्थियों को नए नियम के तहत इन देशों से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून बनाया है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा जान-बूझकर इस विषय पर वितंडावाद खड़ा किया जा रहा है। जबकि हम समय-समय पर अनेक देशों से आए हजारों शरणार्थियों को शरण देने एवं नागरिकता देने का काम कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में भी हमें अल्पसंख्यक विरोधी कहा जाता है और दुनिया के कुछ देश भारत के खिलाफ एजेंडा बनाने में जुट जाते हैं। लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों पर दुनिया का कोई भी देश जुबान तक नहीं खोलता है।

 

उन्होंने कहा कि जिन देशों में अल्पसंख्यकों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है, उन देशों को भारत के बारे में मानवता की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून से विदेशी ताकतों एवं सेकुलर दलों को लगा कि भारत अब वैश्विक ताकत बनने के पथ पर बढ़ रहा है। इसी बौखलाहट में आकर उन्होंने देश में अस्थिरता पैदा करने का पूरा प्रयास किया। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून बन जाने के बाद देश के लिए परीक्षा की घड़ी है, क्योंकि अब भारत का चरित्र दुनियाभर में प्रदर्शित होगा। ऐसे में हम लोगों को शांति, सौहार्द बनाने के लिए मिल-जुलकर प्रयास करना होगा।  विसंकें, जयपुर