शताब्दी वर्ष विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत वारणासी में हुई

वाराणसी : छायावाद: शताब्दी वर्ष विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत वसंत महिला महाविद्यालय,राज घाट के हिंदी विभाग तथा हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में शुभारंभ मंगलवार को हुआ संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि सूर्य प्रसाद दीक्षित अध्यक्ष राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा, विशिष्ट अतिथि भारतीय भाषा विभाग जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर रामवृक्ष ने




संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन करके किया समारोह की अध्यक्षता सोच विचार पत्रिका के संपादक जितेंद्र नाथ मिश्र ने किया । उद्घाटन सत्र में बीज वक्तव्य प्रोफेसर सूर्यप्रसाद दीक्षित(अध्यक्ष,राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा) ने दिया।उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि छायावाद को समझने के लिए प्रसादजी के निबंध तथा आत्मकथ्य को पढ़ने की आवश्यकता है। गद्यात्मक शैली और छायांकन के बीच से छायावाद का मार्ग प्रशस्त होता है।उन्होंने कहा कि उपचारवक्रता, वैदग्दयभांगीभनीति,अर्थवैचित्रय,वक्रोक्ति के माध्यम से छवि और छाया को समझने की आवश्यकता है। आए हुए अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम की संयोजिका शशि कला त्रिपाठी ने अंगवस्त्रम स्मृति चिन्ह देकर किया इस अवसर पर कालेज की प्राचार्य डॉ अलका सिंह सहित कालेज के अध्यापक एवं छात्र उपस्थित थे