मध्य प्रदेश/ भोपाल नया मास्टर पान आते ही बंद हो जाएगा स्टडफार्म

मध्य प्रदेश/ भोपाल में नया मास्टर प्लान आते ही बंद हो जाएगा स्टडफार्म 


कांग्रेस शासनकाल में मिली थी सशर्त अनुमति, नए स्थान की तलाश तेज




भोपाल. स्टडफार्म की 7 एकड़ जमीन पर नया स्लाटर हाउस बनाने का सरकारी दावा खारिज होने के बाद अब वर्षों पुराने मौजूदा ढांचे को भी हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। ये कार्रवाई मास्टर प्लान के नए संशोधन लागू होते ही पूरी हो जाएगी, इससे पहले नया स्लाटर हाउस बनाने जमीन तलाशी जा रही है।


दरअसल स्टडफार्म ओल्ड स्लाटर हाउस कांग्रेस शासनकाल के वक्त जारी विशेष अनुमति पर टिका है। इस अनुमति में ओल्ड स्लाटर हाउस की लगभग तीन एकड़ जमीन को एबनॉकसियस इंडस्ट्री (जहरीले उत्सर्जन योग्य उद्योग) के लिए नोटिफाई किया गया था। राजपत्र में इस प्रावधान के प्रकाशन के साथ ही ये शर्त भी जोड़ी गई थी कि ओल्ड स्ट्रक्चर के हटते ही या मास्टर प्लान बदलने पर पूरी जमीन रहवासी मद में बदल जाएगी। एनजीटी ओल्ड स्ट्रक्चर गिराने के आदेश 30 सितंबर 2015 के आदेश में दे चुकी है।


ऐसे मिली थी विशेष अनुमति
कांग्रेस शासनकाल में स्टडफार्म की नवाब कालीन 78 एकड़ जमीन शत्रु संपत्ति मानकार अधिग्रहित की गई थी। बरसों पहले ये इलाका ओल्ड सिटी के बाहर आता था। इस लिहाज से सरकार ने जिला प्रशासन के अभिमत के आधार पर स्लाटरिंग उद्योग के लिए स्टडफार्म की तीन एकड़ जमीन को सशर्त नोटिफाई कर दिया था।


क्या है सच...
स्टड फार्म की कुल नवाबकालीन जमीन: 78 एकड़
कांग्रेस सरकार की ओर से विशेष अनुमति: 03 एकड़ पर
मौजूदा सरकार नया स्लाटर हाउस बनाएगी: 07 एकड़ पर
प्रोजेक्ट पर आने वाली संभावित लागत: 20 करोड़ रुपए
अभी प्रतिदिन कितने पशु कटते हैं: अधिकतम 100
नए स्लाटर हाउस की संभावित क्षमता: 300


राजपत्र में इस प्रावधान के प्रकाशन के साथ ही ये शर्त भी जोड़ी गई थी कि ओल्ड स्ट्रक्चर के हटते ही या मास्टर प्लान बदलने पर पूरी जमीन रहवासी मद में बदल जाएगी। एनजीटी ओल्ड स्ट्रक्चर गिराने के आदेश 30 सितंबर 2015 के आदेश में दे चुकी है।


स्लाटर हाउस शहर के भीतर से हटने का फायदा लोगों को होगा। इसे नगर निगम सीमा से बाहर करने मांग उठाई थी, मास्टर प्लान संशोधन में ये मुद्दा भी शामिल हंै।


आलोक शर्मा, महापौर