अपाचे (Apache) दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में एक है. दुश्मनों के खिलाफ अमेरिकी सेना भी इसे अपना संकटमोचक मानती है.
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ने वाली है. भारतीय वायुसेना में आज 8 अपाचे (Apache) AH-64 E) लड़ाकू हेलिकॉप्टर शामिल हो गए. पाकिस्तान सीमा से सटे पठानकोट एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की मौजदूगी में पूजा अर्चना के बाद अपाचे हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. इस मौके पर वायुसेना के वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार भी मौजूद रहे. भारतीय वायुसेना में शामिल होने से पहले पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई.
इसके पहले अपाचे हेलीकॉप्टर को कैनन सेल्यूट भी दिया गया
भारतीय वायुसेना के पीआरओ अनुपम बनर्जी ने बताया, 'यह भारतीय वायुसेना में इस एयरक्राफ्ट का सेरोमोनियल इंडक्शन है. अभी तक हमारे पास 8 एयरक्राफ्ट हैं. 22 विमान चरणबद्ध तरीके से आएंगे और सभी को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा. हमने पहले भी हेलीकॉप्टर पर हमला किया था, लेकिन यह विमान बहुत सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता है.'खास बात ये है कि अपाचे (Apache) को पाकिस्तान से करीब 25 से 30 किलोमीटर दूर पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया जा रहा है. अपाचे (Apache) दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में एक है. दुश्मनों के खिलाफ अमेरिकी सेना भी इसे अपना संकटमोचक मानती है. इसके पीछे की वजह है, अपाचे (Apache) की खासियत.दुश्मनों के मन में डर पैदा करने वाली है अपाचे की खूबियां
1. अपाचे (Apache) से फायर किया जाने वाला हेलीफायर मिसाइल, जो 6 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य पर अचूक निशाना लगा सकती है. हेलीफायर मिसाइल का हमला इतना सटीक है कि खराब मौसम में भी ये दुश्मन पर सही निशाना लगाती है. इस मिसाइल की वजह से ही अपाचे को टैंक का सबसे बड़ा शिकारी माना जाता हे |
2. अपाचे (Apache) में रोशनी और अंधेरे में एक समान ताकत से लड़ने की योग्यता. इसमें लगे कैमरे रात के अंधेरे में भी दोस्त और दुश्मन की पक्की पहचान कर सकते हैं. अगर टैंक छिपने की कोशिश करे तो भी उसके इंजन की गर्मी अपाचे (Apache) के कैमरे को अपना पता बता देती है. और इसके बाद टैंक को खत्म करना बटन दबाने जितना आसान है.
3. दुश्मन के खिलाफ पहला हमला कम से कम वक्त में करना अपाचे की तीसरी विशेषता है. अपाचे (Apache) के पायलट जिस तरफ देखते हैं, उसमें लगी ऑटोमेटिक गन उसी दिशा में घूम जाती है. अपाचे (Apache) में हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट भी हैं, जो 8 किलोमीटर तक टारगेट को तबाह करने की गारंटी देते हैं.4. इसका फायर कंट्रोल रडार एक साथ 256 लक्ष्य पर नज़र रख सकता है.
5. दुश्मन की मिसाइलों से बचने के लिए अपाचे (Apache) में फ्लेर (Flare) लगा होता है. दुश्मन की मिसाइल हेलिकॉप्टर के इंजन की गर्मी का पीछा करके हमला करती हैं. इन मिसाइलों से बचने के लिए अपाचे (Apache) में लगे फ्लेर्स हवा में छोड़े जाते हैं, जो मिसाइलों को भटकाने के लिए काफी अधिक तापमान पर जलते हैं. इसकी वजह से मिसाइलें इन फ्लेर्स को निशाना बनाती हैं और अपाचे (Apache) सुरक्षित बच जाता है .. 6. अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है, जिसमें एक बार में 1200 तक राउंड हो सकते हैं. इसके अलावा अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है.
7. अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है.
ये विशेषताएं हैं जो युद्ध के मैदान में अपाचे (Apache) को अजेय बनाती हैं. दुश्मन के टैंकों के साथ मुठभेड़ या दुश्मन की मज़बूत मोर्चाबंदी तोड़ने के लिए अटैक हेलिकॉप्टर्स की ज़रूरत होती है. जमीन पर टैंक को सबसे शक्तिशाली हथियार माना जाता है. अपाचे (Apache) हेलिकॉप्टर के हथियार इतने घातक हैं कि रक्षा विशेषज्ञ इसे 'हवाई टैंक' भी कहते हैं.
मालूम हो कि भारतीय वायुसेना अभी रूस में बने MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल करती है. इनकी एक स्क्वाड्रन पठानकोट और दूसरी राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात रहती है. ये अच्छे अटैक हेलीकॉप्टर्स हैं लेकिन अब ये तीन दशक पुराने हो चुके हैं. वायुसेना के पास स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव से विकसित किया गया रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर भी है. वायुसेना ने स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का भी ऑर्डर हिंदुस्तार एयरोनॉ