मध्य प्रदेश मैं भाजपा का घंटानाद आंदोलन


 




मप्र / प्रदेश भर में भाजपा का घंटानाद आंदोलन; पुलिस ने राकेश सिंह को गिरफ्तार किया, केंद्रीय जेल ले जाकर छोड़ाघंटानाद आंदोलन के जरिए प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी भाजपा




  • प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बोले- कमलनाथ सरकार ने जनता के हितों को सूली पर चढ़ाया

  • कलेक्ट्रेट के बाद केंद्रीय जेल के सामने सरकार की सद्बुद्धि के लिए गाया रघुपति राघव भजन किया


भोपाल. कांग्रेस सरकार बनने के9 महीने बाद भाजपा घंटानादआंदोलन के जरिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी। प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओंने घंटे-घड़ियाल और झांझ -मंजीरा बजाकर सरकार को जगाया और मध्यप्रदेश बचाओ-कांग्रेस सरकार भगाओ के नारे लगाए। कलेक्ट्रेट के बाहर भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और अन्य कार्यकर्ताओं पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और केंद्रीय जेल ले गई। जहां पर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।यहां भी भाजपा कार्यकर्ताओं नेसरकार की सद्बुद्धि के लिएकेंद्रीय जेल के सामने रघुपति राघव राजाराम का भजन गाया।





भोपाल में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाजपा केप्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा- कांग्रेस की निकम्मी सरकार ने मप्र के हित सूली पर चढ़ा दिए हैं। सोयाबीन में अफलन हैं, लेकिन मुख्यमंत्री तो दूर। मंत्री भी किसानों से मिलने नहीं गए। हमने इनकी नींद खोलने के लिए घंटानाद आंदोलन किया। अगर ये नींद से नहीं जागे तो हम जनता के लिए आगे और मजबूती से लड़ेंगे। इस बार ज्ञापन नहीं देने के सवाल पर कहा कि लगातार ज्ञापन और शिकायत करके हमने जगाने की कोशिश की। लेकिन, वह नहीं जागी। इसलिए इस बार ज्ञापन नहीं देंगे।


घंटानाद आंदोलन पूरे प्रदेश में किया गया। इसमेंपूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में आंदोलन में शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जबलपुर, ग्वालियर में भूपेंद्र सिंह ने आंदोलन का नेतृत्व किया। इंदौर में ये आंदोलन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और सागर में पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा के नेतृत्व में किया गया।


प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ी, अराजकता


भाजपा का दावा है कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से अराजकता की स्थिति है। किसान परेशान है, कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावा किया गया। अब उन पर 14 फीसदी जुर्माने के साथ कर्ज के भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। तबादलों ने गवर्नेंस को चौपट कर दिया। भोपाल में महापौर आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा और विश्वास सारंगके साथ हजारों भाजपा कार्यकर्ता हाथों में शंख, घंटे और मंजीरे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और विरोध किया।