सोफा नहीं है पत्रकारिता सुविधाओं का अजहर हाशमी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सुविधाओं का सोफा नहीं है पत्रकारिता- अजहर हाशमी                          SJMC DAVV: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में पांच दिवसीय छात्र प्रेरणा कार्यक्रम'चेंज का शुभारंभ।                                                 इंदौर   एक खोजी पत्रकार को रहस्य में जाना और सत्य को खोजना होता हैएक अच्छा वक्ता बनने से पहले एक अच्छा श्रोता बनना जरूरी है। शिक्षक व विद्यार्थियों के बीच संवाद का सेतु बना रहना चाहिए ताकि विचारों के वाहनों का आवागमन बना रहे, क्योंकि पत्रकारिता सुविधाओं का सोफा नहीं बल्कि चुनौतियों की चटाई है। उक्त विचार साहित्यकार अजहर हाशमी ने व्यक्त किए। वे सोमवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में पांच दिवसीय छात्र प्रेरणा कार्यक्रम 'चेंज' के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।   कार्यक्रम में साहित्यकार हाशमी ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता की राह में आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया, वहीं उन्होंने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और उचित समय प्रबंधन के गुण को अति आवश्यक बताया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अपने जीवन में एकएक सेकंड का सदुपयोग करते आना चाहिए। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण, कुरान, बाइबल, वेदों का संदर्भ देते हुए वर्तमान पत्रकारिता व जनसंचार को स्पष्ट किया।                                   वहीं छात्रों के बीच उन्होंने अपने साहित्य को भेंट स्वरूप अर्पित रचनाओं को भी पढ़ा। कार्यक्रम में साहित्यिक पत्रिका वीणा के संपादक डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि पहले ये जानें कि यह कार्य मैं करना । चाहता हूं या नहीं? जिस व्यवसाय में हम जा रहे हैं उससे हम संतुष्ट है या नहीं? किसी भी व्यवसाय में जाने से पहले हमें यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह हमारे लिए सही रहेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए भाषा महत्वपूर्ण होती है। सही शब्दों का सही स्थान पर प्रयोग ही अच्छे पत्रकार की निशानी है। बड़े पत्रकारों ने अपने शब्द की धार से पत्रकारिता में कई कीर्तिमान रचे हैं, वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता में सत्य की तलाश करना अत्यंत कठिन  , हैं।                                                                        इसलिए हमें निष्पक्ष होकर अपने व्यवसाय के प्रति समर्पित होना चाहिएफोटो जर्नलिस्ट अखिल हार्डिया ने विद्यार्थियों को फोटो पत्रकारिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक फोटो 1000 शब्दों के बराबर होता है और एक फोटो समाज में कई बड़े बदलाव लाने के लिए काफी होता है। हार्डिया ने अपनी जिंदगी में हुई चुनिंदा घटनाओं को विद्यार्थियों के सामने रखा जिन घटनाओं ने समाज को एक नई दिशा प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन पूर्विका बदलानी ने किया। आभार विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने व्यक्त किया।