बेनामी संपत्ति वालों की अब खैर नहीं

बेनामी संपत्ति वालों की अब खैर नहीं                           आधार से लिंक होगी रजिस्ट्रियां             बेनामी संपत्ति पर अंकश लगाने के लिए बहुत जल्द हाईवे __से दो किलोमीटर तक की संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी की जा रही हैइसके लिए रजिस्टी आफिस में जल्द ही आधार कार्ड पंजीकरण का सिस्टम लगेगा                    इस बारे में आधार कार्ड अथारिटी आफ इंडिया ने ब्योरा तलब किया है। इसीलिए अब नई रजिस्ट्री कराने वाले क्रेता और विक्रेता दोनों के आधार नंबर जरूरी किए जा रहे हैं। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनका आधार के लिए पंजीकरण उसी समय रजिस्ट्री ऑफिस में हुआ करेगा। आधार कार्ड अथारिटी आफ इंडिया मुंबई के कार्यकारी निदेशक पीएन सिन्हा ने यूपी सहित देश के सभी मुख्य सचिव को मेल से संदेश भेजा है। जिसके आधार पर मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव संस्थागत (वित्त) से रजिस्ट्री ऑफिस की संख्या और उनके लिए प्रस्तावित आधार पंजीकरण मशीन का ब्योरा मांगा गया है। बहुत जल्दी ही इसे अनिवार्य किया जा रहा है|                                                                             लिंक हैपुरानी रजिस्ट्री भी होगी आधार से                                       लिंक ___पुरानी रजिस्ट्री, किसानों के नाम से उनके खेत तथा अन्य प्रापर्टी भी आधार से लिंक की जानी है। जमीन के मालिक किसान के आधार से उनके नाम की जोतबही, खसरा खतौनी आदि को भी लिंक किया जाना है। इस बारे में भी डिटेल मांगी गई है। नए साल से तीन महीने तक इस ब्योरे को अभियान चलाकर कंप्यूटराइज्ड किया जाना है। जिसे अप्रैल तक आन लाइन करने की योजना है। उसी के बाद इसे जरूरत के अनुसार ईडी, आयकर तथा अन्य विभागों के अधिकारी इस्तेमाल कर सकेंगे।                                                                                    1   अचल संपत्ति ऑनलाइन होने पर उनसे जुड़े दस्तावेज़ भी कही से बैठे देख निकाल सकेंगे                                           2   आधार कार्ड, फोन नंबर, पेन कार्ड सहित अन्य सभी अनिवार्य दस्तावेज होने पर ही सोफ्टवेयर से रजिस्ट्री हो पाएंगी।                                                                        3 अब पांच लाख से ऊपर की रजिस्ट्री करवाने पर भी दस्तावेजों के साथ पेन कार्ड नंबर देना अनिवार्य रहेगा। प्रत्येक संपत्ति की जानकारी अब सरकार के पास रहेगी। उसकी खरीदी बिक्री होने पर आयकर नहीं छुपाया जा सकेगा।             4 सरकार को मिलने वाला टैक्स बढ़ेगा। उपयोग विकास कार्यों में होगा।                                                              5  संपत्तियों की खरीदी बिक्री चोरी छुपे नहीं हो सकेगी।         6  भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। देश में कालेधन को ठिकाने लगाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी। महंगाई नियंत्रित रहेगी। 7 जमीन का रिकार्ड हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा।