कांग्रेस ने शिवराज सरकार से माँग कि है ,कि किसान हित में पुरानी व्यवस्था को ही लागू रहने दिया जावे।
'हमने हमारी सरकार में किसानों के हित में फैसला लेते हुए उन्हें सहजतासे खाद उपलब्ध कराने के लिये 80% खाद सहकारी समितियों के माध्यम से व20% निजी क्षेत्र के माध्यम से बेचने का प्रावधान किया था।
हमने हमारी सरकार में किसानो के हित में फैसला लेते हए उन्हें सहजता से खाद उपलब्ध कराने के लिये,80% खाद सहकारी समितियों के माध्यम से व 20% निजी क्षेत्र के माध्यम से बेचने का प्रावधान किया था।
हमें यह जानकारी मिली
कि शिवराज सरकार ने खाद बिक्री के इस फ़ार्मूले को बदलते हए इसे 55% सहकारी समितियों के माध्यम से व 45% निजी क्षेत्रों के माध्यम से बिक्री का प्रावधान किया है। यह निर्णय पूरी तरह से किसान विरोधी है।भाजपा समर्थित व्यापारियों को फायदा पहँचाने के लिये यह निर्णय लिया गया है। इससे खाद की जमकर कालाबाज़ारी बढ़ेगी और आगामी खरीफ़ सीजन में किसानो को खाद के संकट व कालाबाज़ारी का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस इस निर्णय का विरोध करती है और शिवराज सरकार से माँग करती है कि किसान हित में पुरानी व्यवस्था को ही लागू रहने दिया जावे।