एक के जीवन का असली योद्धा है-"माँ ,अघोरी भैरव गौरव गुरूजी माँ कामाख्या धाम असम गुवाहाटी

मेरे साथ लड़ती है वो हर जंग मेरी....


मां कृष्ण है मेरी_हर_महाभारत_की...!!



एक के जीवन का असली योद्धा है-"माँ".....जो आपको जन्म देता है। और आपके जीवन की हर लड़ाई में आपके साथ खड़ा है।


वह आपको हर बार प्यार करती है.... वह आपको प्यार करती है...... वह आप के लिए झगड़े...... वह आपके लिए एक ढाल के रूप में कार्य करती है।


महाभारत कृष्ण रथ में उन्हों ने उन्हें अपने दुश्मनों से हर संभव सुरक्षा प्रदान की........ बिल्कुल कृष्ण की तरह-"माँ" भी हम सभी की रक्षा कर रही है। दानव और हमारे दुश्मन क्योंकि वह हमें बिना शर्त के प्यार करती है।


हम इस शब्द की महानता की कल्पना भी नहीं कर सकते -" माँ" कोई वेद नहीं कोई सही ज्ञान कभी भी हमें बता सकता है। कि यह शब्द कितना महान है " माँ "...वह विकास का सिद्धांत है... वह अपने बच्चों से प्यार करती है।


वह अपने बच्चों के लिए कई बार खुद को अवतार करती है..... इस दुनिया में केवल एक ही रक्षक और केवल एक ही उद्धारकर्ता है और नहीं एक और वह " माँ " केवल " माँ "....... उसके बच्चे होने के नाते आप उसे कुछ भी देने के लिए सक्षम नहीं हैं।


इसलिए हमेशा उसके कमल के पैरों की प्रशंसा करें..... हमेशा उसे कुछ और से अधिक प्यार करें......... क्योंकि सर्वशक्तिमान हम सभी को आशीर्वाद दिया है। हमेशा अपनी "माँ" से प्यार करो वह केवल एक ही है। जो आपके साथ है जब आपके लिए कोई नहीं है........


वह सर्वव्यापी है........ वह प्रकृति में भंग हो गई है.. वह सब कुछ है....... तो उसकी प्रशंसा करो, उसे प्यार करो, उसकी देखभाल करो हमेशा उसके कमल के चरणों में अपना सिर झुकाओ"