लॉकडाउन से बंद पड़ीदवा फैक्ट्री को फिर करवाया चालू

लॉकडाउन से बंद पड़ीदवा फैक्ट्री को फिर करवाया चालू


कोरोना मरीजों और संक्रमितों के इलाज के लिए बनेंगी गोलियां, शासन ने भी लाखों गोलियों का आर्डर दिया


इंदौर। शासन की तत्परता और सजगता से एक अत्यंत महत्वपूर्ण दवा बनाने वाली कंपनी अपना उत्पादन पुन- प्रारंभ करने जा रही है। इंदौर में सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इप्का लेबोरेटरी कंपनी विगत दिनों लॉकडाउन की परिस्थितियों के कारण बंद होने की कगार पर आ गई थी. यहाँ कार्यरत कर्मचारी निरंतर आवागमन और अन्य बाधाओं के कारण फैक्ट्री नहीं पहुँच पा रहे थे।


उल्लेखनीय है कि यह फैक्ट्री हाइड्रो क्लोरोक्वीन नामक अत्यंत महत्वपूर्ण दवा के निर्माण के लिए उपयोग में आने वाले रा मटेरियल के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्ट्री है। भारत सरकार द्वारा इस रा मटेरियल के निर्माण के लिए इस कम्पनी को अधिकृत किया गया है। यह रामटेरियल उस दवा को बनाने के काम आता है जिस दवा से अभी कोरोना का उपचार किया जा रहा है। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस के संज्ञान में यह तथ्य आने पर उन्होने संभागायुक्त इन्दौर को निर्देश दिए थे। इस पर संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने फैक्टरी प्रबंधन से चर्चा की और सभी बाधाएँ दूर करने का इंतजाम किया। उन्होंने इंदौर विकास प्राधिकरण के रिक्त पड़े फ्लैट्स में कंपनी को कर्मचारियों के आवास के लिए मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र इंदौर के श्रीकुमार पुरुषोत्तम ने बताया है कि यहाँ कार्यरत लगभग 700 कर्मचारियों ने कप! और अन्य वजह से काम पर आना छोड़ दिया था। यह तथ्य संज्ञान में आने पर इन


कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था निकट के आईडीए के फ्लैट्स में की गई है। स्कीम नंबर 155 में स्थित मल्टी में फ्लैट्स इस कंपनी को उपलब्ध कराए गए हैं। फैक्ट्री के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर हाइजीनिक वातावरण में यहाँ रहेंगे। फैक्ट्री में कार्यरत जो कर्मचारी अपने दोपहिया वाहनों से शहर के विभिन्न स्थानों से फैक्ट्री आते थे अब उनके फैक्ट्री आने जाने के लिए बस का इंतजाम भी कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देश पर अटल सिटी ट्रांसपोर्ट से किया गया है। इन बसों को परमिट     


प्रदान किया गया है। कर्मचारियों के खाने पीने की व्यवस्था वहीं पर की जा रही है। अब यह फैक्ट्री पुनः प्रारम्भ हो गई है और देश एक महत्वपूर्ण दवा निर्माण के उपयोगी घटक से वंचित नहीं होगा। कंपनी के फैक्ट्री मैनेजर श्री चंद्रसेन हिलाल का कहना है कि यदि इन्दौर का प्रशासन उनकी मदद नहीं करता तो कोरोना के उपचार में उपयोग आने वाली एक महत्वपूर्ण दवा के निर्माण में गंभीर बाधा उत्पन्न हो जाती। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने भी इप्का कंपनी से लाखों


गोलियां खरीदने के आर्डर दिये है और इनमें से 15 से 20 लाख प्राप्त भी कर ली है। अभी चूंकि कोरोना वैक्सीन इजाद होकर बाजार में नहीं आया है, तब तक कोरोना मरीजों का उपचार मलेरिया और गठिया रोगियों दी जाने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन के डोज से किया जा रहा है और इप्का द्वारा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन गोलियां ही बनाई जा रही है और इसमें इस्तेमाल होने वाला रा मटेरियल भी ये दवा कंपनी ही नियात करेंगी।