रामनवमी महापर्व

रामनवमी महापर्व


__ हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी महापर्व के रूप में मनाया जाता है। राम जन्म उत्सव प्रतिवर्ष भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में रामनवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल 2020 में 2 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।


संसार के पालनहार भगवान श्री विष्णु जी ने धर्म की स्थापना और अधर्म के समूल नाश के लिए त्रेतायुग में धरती पर मनुष्य रूप में अवतार लिया था। भगवान विष्णु के अनेक अवतारों में से एक अवतार त्रेता युग में सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी में सूर्यवंश कुल के राजा दशरथ की महारानी कौशल्या के गर्भ से चैत्र मास की नवमी तिथि अभिजीत मुहूर्त में राम जी ने जन्म लिया था। तब से लेकर आज तक युगों-युगों से चैत्र मास की नवमी तिथि को रामनवमी पर्व मनाया जाता है।


1- भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। 2- उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी जाती है। 3- राम जी स्त्री पुरुष में भेद नहीं करते। अनेक उदाहरण है जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नजर आते हैं 4- भगवान राम समाज में व्याप्त ऊंच नीच के भेदभाव को भी नहीं मानते। शबरी के झूठे बेर खाने का उदाहरण इसे समझने के लिये सर्वोत्तम है। 5- राम जी वेद शास्त्रों के ज्ञाता और समस्त लोकों पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले हैं। 6- भगवान श्री राम विभिन्न कलाओं में निपुण लंकापति रावण के अंहकार के किले को ध्वस्त करने वाले परम पराक्रमी है। 7- रामनवमी के दिन धमधाम के साथ राम जन्मोत्सव मनाते हुये श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पाठ करना चाहिए। 8- राम लला को मावा एवं पंजरी का भोग अति प्रिय है। 9- रामनवमी के दिन उपवास रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और ज्ञात-अज्ञात सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है। 2 अप्रैल दिन गुरुवाररामनवमी पर्व तिथि व मुहूर्त 2020 रामनवमी पूजा अभिजीत शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट तक है।