कोरोनाः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 30 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक मैदान में

कोरोनाः संघ के 30 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक मैदान में                       मिलिंद मुजुमदार इंदौर,29 मार्च.कोरोना वायरस महासंकट की अभूतपूर्व त्रासदी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश भर के 529 जिलों में जिला स्तर पर पावर सेंटर और हेल्पलाइन प्रारंभ की है. यही नहीं पूरे देश में एक लाख से अधिक सेवा प्रकल्प भी प्रारंभ किए हैं. 30 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक मैदान में डटे हैं.इस पूरे महा अभियान की मॉनिटरिंग सरकार्यवाह भैयाजी जोशी खुद कर रहे हैं. कोरोना जैसे संकट से निपटने के लिए संघ ने फरवरी में ही कार्य योजना बना ली थी. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती और सेवा विभाग ने एक कार्य योजना बंगलुरु में 14 से 17 मार्च तक होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत करने के लिए तैयार भी की थी, कोरोना वायरस से दिनों-दिन होती गंभीर स्थिति को देखते हुए संघ नेतृत्व ने निर्णय लिया और अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक स्थगित कर दी थी. सूत्रों के अनुसार संघ के 30 लाख से अधिक स्वयंसेवक दिन-रात कोरोना वायरस से निपटने                                संघ ने प्रारंभ किए एक लाख से अधिक सेवा प्रकल्प देश के 529 जिलों में पावर सेंटर सरकार्यवाह भैयाजी जोशी कर मॉनिटरिंग                                              के लिए जनता की मदद कर रहेहैं.इनमें स्वेच्छा से लॉक डाउन का पालन करवाना, जिला और स्थानीय प्रशासन की मदद करना, तथा अपने मोहल्ले और बस्ती में जिस भी प्रकार की मदद की आवश्यकता हो वह पूरी तत्परता से करना, शामिल है. सनद रहे 22 मार्च से पूर्व संघ की देश भर में 67 हजार से अधिक शाखाएं नित्य प्रतिदिन लगती थी. एक शाखा के प्रभाव में 20 से 25 हजार की आबादी आती है. प्रत्येक शाखा के प्रभाव में कम से कम 100 से 150 तक संघ शिक्षा वर्ग किए हुए प्रशिक्षित स्वयं सेवक होते हैं. इन स्वयंसेवकों को संकट के समय मदद करने काभी प्रशिक्षण होता है. संघ के अलावा अन्य 36 अनुषांगिक संगठन भी अपने अपने स्तर पर तय योजना के अनुसार सेवा कार्यों में लगे हैं. इस तरह संघ कर रहा है सेवा कार्य: हर जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पॉवर सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं. उस नंबर पर सूचना आते ही संघ का तंत्र एक्टिव हो जाता है. इसी व्यवस्था के अंतर्गत समाज के उस वर्ग तक भोजन पहुंचाना जो ऐसे समय भोजन की व्यवस्था परिवार के लिए नहीं कर पा रहे हैं. कई बस्तियों में 15 दिन के लिए परिवार को कार्यकर्ताओं ने ही गोद ले लिया है.जो विद्यार्थी हॉस्टल अथवा गेस्ट हाउस में फंसे हैं, उनकी व्यवस्था भी स्वयंसेवक कर रहे हैं. किसी परिवार में दवाई की आवश्यकता हो या अस्वस्थता हो तो भी उस समय पूर्ण रूप से उनको हर चिकित्सीय सुविधा प्रदान कराई जा रही है. अनेक स्थानों पर स्वयसेवकों के माध्यम से मास्क और सेनेटाइजर की भी परिवार तक व्यवस्था कराई का रही है. संघ के स्वयंसेवकों का हर गांव व मोहल्ले तक फैला नेटवर्क पूरी तरह से एक्टिव मोड़ पर हैं. भैयाजी ने 30 वर्ष सेवा प्रकल्पों में लगाए : 2009 में सरकार्यवाह का दायित्व संभालने से पर्व भैयाजी जोशी संघ के एक दशकयानी 1999 से सह सरकार्यवाह थे. भैयाजी जोशी ने सेवा प्रकल्पों का नेटवर्क देश के प्रत्येक जिले और तहसील में मजबूत करने के लिए 30 वर्ष से अधिक समय कठोर परिश्रम और समर्पण के साथ दिया है.वे संघ के गैर राजनीतिक किस्म के ऐसे प्रचारक माने जाते हैं जिनकी दिलचस्पी सामाजिक कार्यों में अधिक है.संघ के एक लाख से अधिक सेवा प्रकल्पों को खड़ा करने का श्रेय                                                                                                                                    मध्य क्षेत्र कर रहा है देश का नेतृत्व                   है देश का नेतृत्व मौजूदा संकट से निपटने के लिए जो महा अभियान चलाया जा रहा है उसे संघ की मध्य क्षेत्र इकाई के अंतर्गत आने वाले मध्य प्रदेश के प्रचारक मुख्य रूप से मॉनिटर कर रहे हैं. संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर मालवा प्रांत के प्रांत प्रचारक रह चुके हैं. जबकि अभा सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक रह चुके हैं. यह दोनों ही प्रचारक इस समय पूरे देश के सेवा कार्यों को कॉर्डिनेट कर रहे हैं.