तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर में मा. सरसंघचालक ने किया युवाओं को संबोधित
गुना - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर में आज सरसंघचालक श्री मोहन राव भागवत ने युवाओं को संबोधित किया, इस दौरान मंच पर मध्यक्षेत्र के संघचालक मा. अशोक जी सोहनी एवं प्रान्त संघचालक मा. सतीश पिम्प्लिकर जी उपस्थित थे। तीन दिनों तक चलने वाले इस शिविर में मध्य प्रदेश के 16 शासकीय जिलों से आए हुए युवा राष्ट्र निर्माण के में युवाओं की भूमिका से संबंधित विभिन्न विषयों पर चिंतन सत्रों में भाग ले रहे हैं।
देश को नेता की नहीं नायक की आवश्यकता है
युवाओं को संबोधित करते हुए भागवत जी ने कहा कि जब तक समाज नहीं बदलता देश का भविष्य नहीं बदल सकता। आज हमेमें स्वयं कुछ ना करते हुए, सब कुछ प्राप्त की अपेक्षा करने की गलत आदत बन गई है। यदि भवसागर से पार होना है तो केवल प्रार्थना से काम नहीं चलेगा, आपको सद्कर्म भी करने होंगे। इसी प्रकार यदि आप राष्ट्र का उत्थान चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रयास भी करने होंगे। आज हर व्यक्ति सामने आकर नेता बनने का प्रयास करता है, यह ठीक नहीं है।
कुछ लोग कभी सामने नहीं आते लेकिन वह नींव के पत्थर का काम करते हुए देश के हित में अपना जीवन लगा देते हैं। उनका नाम भी कोई नहीं जानता लेकिन उनके प्रयासों के कारण देश का नाम और ख्याति लगातार बढ़ रही है। आज हमें उन लोगों की पद्धति का अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए। हमारा व्यक्तित्व भी उन्हीं की तरह होना चाहिए। आज देश को नेता की नहीं नायक की आवश्यकता है।
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का किया गया आयोजन
शिविर में आए सभी युवाओं को तीन विभिन्न डोलियों में बांटा गया था जहां उन्होंने प्रतिभा प्रदर्शन शौर्य गीत एवं नुक्कड़ नाटक जैसी विभिन्न विधाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। नुक्कड़ नाटक में सर्जिकल स्ट्राइक जलियांवाला बाग जैसे ज्वलंत विषयों पर नाटक शिक्षार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए। प्रतिभा प्रदर्शन में युवाओं ने तात्कालिक भाषण मिमिक्री एवं अन्य विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं युवा
शिविर में शामिल युवा सुबह और शाम शारीरिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। इनमें व्यायाम, खेल जैसी गतिविधियां शामिल है। युवा कब्बडी जैसे भारतीय खेल खेल रहे हैं एवं सामूहिक व्यायाम में भी शामिल हो रहे हैं।
बड़े मैदान में आज स्वयंसेवकों ने पावन खंड युद्ध खेल खेला, यह युद्ध शिवाजी महाराज द्वारा लादे गए प्रसिद्द युद्ध पर आधारित है। जिसमें उन्होंने एक रात में 64 किमी की विपरीत बाधाओं को पार करके केवल 300 सैनिकों के साथ दस हज़ार मुगलों पर विजय प्राप्त की थी।