प्रदेशाध्यक्ष ने कहा की मुख्यमंत्री कमलनाथ का सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने से पहले बेहतर होता की वह उन सवालों का जवाब देते जो 1984 के दंगो में उनकी भूमिका पर खड़े होते रहे हैं। उन्होंने कहा की जहां तक सर्जिकल स्ट्राइक का सवाल है की इसका क्या परिणाम हुआ या इसका क्या असर हुआ है तो सर्जिकल स्ट्राइक के परिणाम पाक पीएम इमरान खान पहले ही काफी कुछ बता चुके हैं। मुख्यमंत्री बेहतर होता उन सवालों के जवाब देते जो जनता उनसे प्रदेश की बदहाली को लेकर पूछ रहीं है।
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करना सीएम की मजबूरी थीं क्योंकि इस समय ना तो इनकी सरकार के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि हैं और ना ही उनकी पार्टी में कुछ ठीक चल रहा है। शर्मा ने आगे कहा की बेहतर होता की सीएम केंद्र सरकार से सवाल पूछने की जगह खुद प्रदेश के लोगों को बताने का प्रयास करते की आखिर राज्य में अराजकता का वातावरण क्यों है, रेत माफिया बेलगाम होकर क्यों काम कर रहे हैं, युवाओं को बेरोजगारी भत्ते क्यों नहीं मिल रहें, किसानों के कर्ज अब तक क्यों नहीं माफ़ हुए।
सर्जिकल स्ट्राइक पर सीएम ने कहा था यह -
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि 1971 के युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण कराया था। लेकिन इसके बारे में कोई नहीं बोलता। यह कहते है की हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। कौनसी सर्जिकल स्ट्राइक की? सर्जिकल स्ट्राइक कैसे की? देश को यह कुछ तो बताए। अपने इस बयान पर कायम रहते हुए सीएम ने दोबारा कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर ना ही कोई फोटो हैं , ना ही कोई आंकड़े हैं, केवल मीडिया में एक शोर है। उन्होंने कहा हमारी सेना, एयरफोर्स कोई जाली काम नहीं करती लेकिन इसके विषय में कोई जानकारी तो दें।