मध्य प्रदेश का इंदौर शहर .स्वच्छ शहरों में एक बार फिर इंदौर शहर ने बाजी मारी


स्वच्छ शहरों में इंदौर ने फिर मारी बाजी, जानें दिल्ली-NCR के शहरों का हाल



 





                                               2020
 














नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम ..सा...



 




स्वच्छता के मामले में इंदौर ने एक बार फिर बाजी मार ली है। मंगलवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इंदौर को लगातार चौथी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया। इंदौर के बाद दूसरे स्थान पर गुजरात का राजकोट और तीसरा सबसे स्वच्छ शहर नवी मुंबई रहा।


केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हर तीन महीने पर जारी होने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पिछली तिमाही में दूसरा सबसे स्वच्छ शहर था, लेकिन इस बार तीन पायदान नीचे खिसक कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में पांचवें स्थान पर रहा गुजरात का राजकोट इस बार दूसरा सबसे स्वच्छ शहर बन गया है। गुजरात का ही वड़ोदरा शहर भी साफ-सफाई के मामले में भोपाल से एक पायदान ऊपर चौथे स्थान पर है। ये सभी ऐसे शहर हैं, जहां की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है।


दिल्ली का नंबर टॉप 10 में भी नहीं


पुरी के मुताबिक, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्वच्छता के मामले में छठे स्थान पर अहमदाबाद, सातवें पर नासिक, आठवें पर बृहन्मुंबई, 9वें स्थान पर इलाहाबाद और 10वें पर लखनऊ है।


पुरी ने कहा कि एक लाख से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में झारखंड के जमशेदपुर को सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। महाराष्ट्र का चंद्रपुर इस श्रेणी में दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। मध्य प्रदेश के खरगौन को तीसरा व उत्तर प्रदेश के लोनी को चौथा स्थान मिला है। पांचवे स्थान पर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर है।


वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में दिल्ली का एनडीएमसी क्षेत्र छठा सबसे स्वच्छ इलाका है। पुरी ने कहा कि जिन शहरों की आबादी 25 हजार से एक लाख के बीच है, उन्हें पांच अलग-अलग जोन में बांटा गया है। ये उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व, दक्षिण व पश्चिमी जोन हैं।


उत्तरी जोन में एक लाख तक की आबादी वाले शहरों में उत्तर प्रदेश का गजरौला पहले स्थान पर, पंजाब का रूपनगर दूसरे और पंजाब का ही राजपुरा तीसरे स्थान पर है। 


पूर्वी जोन में 50 हजार से एक लाख तक की आबादी वाले शहरों में छत्तीसगढ़ का भिलाई चरोदा पहले स्थान पर रहा है। यहां दूसरा और तीसरा स्थान भी छत्तीसगढ़ को ही मिला है। दूसरे स्थान पर चिरमिरी और तीसरे पर बिरगांव है। 


उत्तर-पूर्व जोन में एक लाख तक की आबादी वाले शहरों में पहला स्थान नागालैंड के कोहिमा को, दूसरा असम के तेजपुर और तीसरा स्थान भी असम के बोनगै गांव को मिला है। 


दक्षिण जोन में एक लाख तक की आबादी वाले शहरों में पहला स्थान आंध्र प्रदेश के चिराला को, दूसरा कर्नाटक के करवार और तीसरा स्थान तमिलनाडु के नमक्कल को मिला है। पश्चिमी जोन में स्वच्छता के लिए तीनों छोटे शहर महाराष्ट्र से हैं। पहला स्थान तेलेगांव दभाड़े, दूसरा स्थान संगमनेर व तीसरा स्थान बल्लारपुर को मिला है। 


दिल्ली की खराब रैंकिंग के लिए केजरीवाल जिम्मेदार : पुरी


केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केन्द्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली की खराब रैंकिंग के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। पुरी ने कहा कि स्वच्छता के मामले में एनसीआर के अन्य क्षेत्र दिल्ली से अच्छा काम कर रहे हैं।  केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार चौथी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया। पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के नतीजों में भोपाल दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के नतीजों में राजकोट ने दूसरा स्थान हासिल किया।


इस बार गाजियाबाद की रैंक पिछड़ी







स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार गाजियाबाद की रैंक पिछड़ गई है। देश में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण के अनुसार, गाजियाबाद की पहले क्वार्टर में 32 दूसरे क्वार्टर में 30 रैंक है। जबकि यूपी में पहले क्वार्टर में छठी और दूसरे क्वार्टर में 7वीं रैंक आई है। कूड़ा निस्तारण नहीं होने की वजह से स्वच्छ सर्वेक्षण में गाजियाबाद दो क्वार्टर में पिछड़ गया है, जबकि पिछले साल देश में 13वें और प्रदेश में पहले स्थान पर था।। स्वच्छ सर्वेक्षण का फाइनल रिजल्ट मार्च में आना है।