सुप्रीम कोर्ट का विवादित जमीन पर.फैसला सरकार ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर का निर्माण करें और मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन दी जाए

अयोध्या रामभूमि विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया .विवादित जमीन पर बनेगा राम मंदिर मस्जिद बनाने के लिए अलग से जमीन दी जाएगी


अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब 45 मिनट के बाद अंतिम फैसला सुनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने सर्व सम्मति से मामले पर हिंदुओं के पक्ष में फैसला दिया है। राम जन्मभूमि निर्माण के लिए जमीन दी गई है। जबकि मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम जन्मभूमि निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। राम जन्मभूमि न्यास का गठन कर रामलला को जमीन का अधिकार दिया गया है। जबकि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने के निर्देश दिए गए हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन दी जाएगी। वहीं जमीन पर रामलला का दावा माना है। हालांकि जमीन का अधिकार ट्रस्ट को सौंपने के निर्देश दिए हैं। तीन माह में केंद्र को राम जन्मभूमि ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा केंद्र को राम जन्मभूमि निर्माण संबंधी नियम जल्द बनाने के लिए कहा है। पक्षकार गोपाल विशारद को पूजा करने का अधिकार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या राम की जन्मभूमि है इसको लेकर कोई विवाद ही नहीं है। मुस्लिम पक्ष जमीन पर अपना अधिकार साबित नहीं कर पाया है। अंग्रेजों के आने के बाद 18वीं सदी तक नमाज के कोई सबूत नहीं। हालांकि 1949 तक प्रत्येक शुक्रवार को वहां नमाज पढ़ी जाती थी। जबकि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू राम चबूतरा, सीता रसोई की पूजा करते थे। जिसके रिकार्ड में प्रमाण हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुस्लिमों के पास जमीन का कब्जा भी नहीं है। जबकि हिंदुओं के पास बाहरी आहते की जमीन का अधिकार है।