शिवपुरी सरस्वती विद्यापीठ एक मात्र सौर्य ऊर्जा संचालित विद्यालय

शिवपुरी प्रदेश का एकमात्र विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय बनने जा रहा है सरस्वती विद्यापीठ एक मात्र सौर्य ऊर्जा संचालित विद्यालय

शिवपुरी - सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत संरक्षण कर ऊर्जा के रूप में विद्युत उत्पादन करने वाला प्रदेश का एक मात्र विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय बनने जा रहा है सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग है क्योंकि सूर्य एक दिव्य शक्ति स्रोत शान्त व पर्यावरण सुहृद प्रकृति के कारण नवीकरणीय सौर ऊर्जा को लोगों ने अपनी संस्कृति व जीवन यापन के तरीके के समरूप पाया है। विज्ञान व संस्कृति के एकीकरण तथा संस्कृति व प्रौद्योगिकी के उपस्करों के प्रयोग द्वारा सौर ऊर्जा भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत साबित होने वाली है।

 

सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय प्रदेश का एक मात्र सौर ऊर्जा संचालित विद्यालय बनने जा रहा है , विद्यालय परिसर के तीन विशाल भवनों सरस्वती भवन, ॐ भवन एवं भारत माता भवन में क्रमशः 13, 12, 20 किलोवाट के कुल 45 किलोवाट की 138 प्लेटें लगाई गई हैं जो आवासीय विद्यालय में ऊर्जा उत्पादन का कार्य करती हैं यह प्लांट 1 दिन में 180 यूनिट बनाकर 14,400 रुपये की विद्युत का उत्पादन कर परिसर में उपयोग करेगा तथा शेष बची विद्युत को mpseb को शासकीय मूल्यों पर विक्रय भी करेगा ।

 

इस प्लांट को लगाने वाली कंपनी METAFIN CLEANTACH FINANCE PVT. LIMITED के सहयोग से तथा मध्यप्रदेश सौलर - 9 सौलर ऊर्जा के प्लांट लगाने वाली एजेंसी है जिसके मैनेजर यशपाल परिहार जो सरस्वती विद्यापीठ के पूर्व छात्र है के माध्यम से कार्य किया जा रहा है । विद्यालय के प्रबंधक श्री ज्ञानसिंह कौरव ने बताया कि वर्तमान समय में विद्युत ऊर्जा का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है जिसका संरक्षण भविष्य की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है इसलिए विद्यालय परिसर में यह प्लांट लगाने की योजना बनाई गई जिससे स्वयं ऊर्जा उत्पादन कर उसका उपयोग किया जा सके साथ ही सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा में कई खास विशेषताएं हैं। जो विद्यालय के इस सौर ऊर्जा स्रोत को आकर्षक बनाती हैं। इनमें इसका अत्यधिक विस्तारित होना, अप्रदूषणकारी होना व अक्षुण होना प्रमुख हैं।