शिमला हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीयता की भावना से ही भारत बन सकता है विश्व गुरु बंडारू दत्तात्रेय
राष्ट्रीयता की भावना से ही भारत बन सकता है विश्वगुरू – बंडारू दत्तात्रेय








शिमला (विसंकें). हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित सेमीनार में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि राष्ट्रीयता की भावना का विकास तो होना ही चाहिए. लेकिन, इसमें हिन्दुत्व के मूल्यों का ह्रास नहीं होना चाहिए. हमारी संस्कृति विश्व की ऐसी विलक्षण धरोहर है, जिसके शाश्वत मूल्यों का यहां सतत् विकास हुआ है. हजारों साल से हमारे देश को इसी विलक्षणता के कारण हिन्दू राष्ट्र कहा जाता रहा है.

 


हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में महर्षि पाणिनी विचार मंच की ओर से राष्ट्रीयता पर संगोष्ठी का आयोजन (19 अक्तूबर) किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी और विशिष्ट अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय थे, योग भारती संस्थापक श्रीनिवासमूर्ति विशेष रूप से उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता माईक्रोटेक के चैयरमेन सुबोध गुप्ता ने की.


सुब्रह्मण्यम स्वामी कहा कि हमारी संस्कृति में भौतिकता और अध्यात्म का एक विशिष्ट समन्वय रहा है जो इसे विलक्षण बनाती है. जेएनयू के कुछ प्रोफेसर झूठ बोलने में माहिर रहे हैं, जिस कारण वे गलत जानकारियां पढ़ाते रहे. भारत हमेशा से एक राष्ट्र रहा है. उन्होंने महाभारत के युद्ध के बारे में कहा कि यह युद्ध एक राष्ट्र का युद्ध था. लेकिन हमारे इतिहास में ये पढ़ाया जाता रहा कि भारत टुकड़े-टुकड़े था. आर्य यूरोप से आए, उन्होंने यहां के मूल निवासियों को दक्षिण की ओर भगा दिया. लेकिन अब ये थ्योरी गलत साबित हो रही है, उनका झूठ सबके सामने आ रहा है.


 



प्रश्नोत्तर के दौरान एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता की आड़ में बेरोजगारी को नहीं छिपाया जा रहा, बल्कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था के प्रति गंभीर है और इससे निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. अयोध्या में मंदिर निर्माण पर कहा कि वहां पर उपासना का अधिकार हिन्दुओं का मूलभूत अधिकार है. उनसे यह अधिकार छीना नहीं जा सकता, जिसे कुछ मुस्लिम पक्षकारों ने भूमि विवाद का रूप दिया है. उन्होंने विश्वास जताया कि अयोध्या मामले में फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा. सामाजिक समरसता पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में हमेशा से समरस समाज रहा है. उन्होंने इसके कई उदाहरण दिये. महिलाओं के विषय पर कहा कि महिलाओं को किसी भी तरह से कमतर नहीं आंकना चाहिए. महिलाओं ने हमेशा से समाज में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है.

 


राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय जी ने कहा कि राष्ट्रीयता की भावना से भारत विश्वगुरू बन सकता है.  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता एक प्रेरणा है जो हमारे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने और सैनिकों को सर्वोच्च बलिदान करने को प्पेरित करती है. आज देश के बाहर व भीतर अलगाववादी, विघटनकारी शक्तियां सक्रिय हैं. जिनसे लड़ना देश के सामने एक चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए शक्ति राष्ट्रीयता की भावना से ही आ सकती है. देश की नई पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों और देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए.


उन्होंने व्यक्त की कि 2030 तक भारत में युवाओं के लिए 3 मिलियन नौकरियां होंगी. राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना चाहिए.


श्रीनिवासमूर्ति जी ने कहा कि भारत की परम्परा करोड़ों वर्ष पुरानी रही है, इसका अतीत गौरवशाली रहा है. भारत हमेशा से ही विश्व का मार्गदर्शन करने वाला राष्ट्र रहा है. भारत में भगवद् गीता जैसा ग्रंथ है, जिसे पूरे विश्व में आदर्श व प्रेरणास्रोत माना जाता है. गीता को सभी को जानने का प्रयास करना चाहिए, इसका अनुवाद 175 भाषाओं में किया गया है. योग हमारे देश की एक प्राचीन विधा रही है, जिससे आज विश्व के लोग भी लाभ उठा रहे हैं.


उन्होंने बताया कि सोलन में भी योग केंद्र खोला जा रहा है. उन्होंने कुछ यौगिक क्रियाओं की जानकारी भी उपस्थित लोगों के समक्ष रखी. उन्होंने प्रदेश में एक स्वयंसेवक के नाते अपने अनुभवों को भी साझा किया.