धनतेरस के दिन क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन और आभूषण
दिवाली का त्यौहार हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। यह पूरे पांच दिन मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, नरकचतुर्दशी ,दिवाली , गोवर्धन और भाई दूज होते हैं। इनमें से हर त्यौहार का अपना अलग महत्त्व है। इसमें से एक है धनतेरस का त्यौहार जिसमें आपने अक्सर लोगों को बर्तन और गहने खरीदते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस में ऐसा क्यों किया जाता है।
धनतेरस में बर्तन या सोने चांदी के गहने खरीदना शगुन माना जाता है। आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की मान्यताओं के बारे में।
होगी धन की वर्षा ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiksAlmSs53gpgjZlfGJ4ewU9oDCB-qji53zULGkukG_KEu4YWHU6Bnr6O6Z1CgzuVhRa2IO-HiMnl-B4V07zSoFNVlbOZZveUjgh7F5-rMP0iao7m1SMAjn4gH3WGss1u7_9JYdlEKPDOz/)
मान्यतानुसार धनतेरस वाले दिन सोना , चांदी या बर्तन खरीदने से घर में सौभाग्य आता है और पूरे साल धन की वर्षा होती रहती है । इस दिन खरीदारी करने से घर के प्रत्येक सदस्य के ऊपर से विपदाओं का नाश होता है और किस्मत चमक उठती है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कहानी के अनुसार राजा हिम के पुत्र को मृत्यु का भय था। ये भविष्वाणी हुई थी कि विवाह के चौथे दिन राजा के पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। विवाह के चौथे दिन जब यमराज सर्प का रूप धारण कर राजा के पुत्र को लेने आए तो उनकी नवविवाहिता पत्नी ने साहस दिखाते हुए कमरे के चारों तरफ दीये जला दिए और अपने सारे आभूषण और बर्तन कमरे के प्रवेश द्वार पर रख दिए। सोने चांदी के आभूषणों की चकाचौंध से सर्प की आंखे भ्रमित हो गईं और वह बिना राजा के पुत्र की आत्मा को लिए चला गया । तब से धनतेरस में बर्तन और गहने खरीदना शुभ माना जाने लगा।
बीमारियों का अंत
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने से परिवार के हर सदस्य के ऊपर से बीमारी और आपदाओं का संकट कट जाता है और सुख सौभाग्य घर में आता है। इसलिए सभी को बर्तन या गहने ज़रूर खरीदने चाहिए।