छत्तीसगढ़ / आदिवासियों की हत्या के विरोध में पहली बार सड़क पर उतरा आरएसएस

- आदिवासियों व संघ प्रचारकों की हत्या के विरोध में निकाली मौन रैली
- संघ के स्वयंसेवकों के साथ रमन सिंह, कौशिक, उसेंडी आदि भी शामिल हुए
रायपुर .छत्तीसगढ़ में पहली बार आरएसएस के कार्यकर्ता बस्तर में आदिवासियों व प्रचारकों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरे। आरएसएस ने राज्य में सरकार बदलने के बाद आदिवासी समाज के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र के लोगों की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर समाज को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाया है। इस मसले पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर जांच व कार्रवाई की मांग की है।
दंतेवाड़ा उपचुनाव से पहले रविवार को बड़ी संख्या में आरएसएस व भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मौन रैली निकाली। इसमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी सहित अन्य नेता शामिल हुए। आरएसएस ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ समय में आदिवासी समाज और उन क्षेत्रों में काम कर रहे स्वयंसेवकों की हत्या की जा रही है। यह किसी एक व्यक्ति की हत्या का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा किया जा रहा षडयंत्र है। इसमें विदेशी वित्त पोषित संस्था भी शामिल हैं।
इसके विरोध में मौन रैली निकालकर आरएसएस ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया, जिससे आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। आरएसएस ने राज्य में अलग-अलग जाति व जनजाति को एक-दूसरे के विरोध में खड़ा करने के साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों में व्यवधान डालने का आरोप लगाया है। आरएसएस के इस आयोजन में बालक दास महाराज, स्वामी प्रपन्नाचार्य, प्रांत संघ चालक विसरा राम यादव, सह प्रांत संघ चालक डॉ. पुर्णेंदू सक्सेना, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर वर्मा, गोपाल यादव, चंद्रशेखर देवांगन, प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर, सुशील यादव, रूपनारायण सिन्हा सहित अन्य आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए।