जयपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत का मुसलमान भारतीय है, ने कहा कि भारत का मुसलमान भारतीय है, उन्हें भ्रमित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों को समझाने की जरूरत है की हमारे वंशज एक ही है, हमारी संस्कृति, धरोहर, विरासत एक ही हैं.
वैद्य जी ने कहा कि जिस दिन उन्हें यह समझ आ गया वह हमारी तरफ आ सकता है. वैद्य ने यह बात जयपुर में शुक्रवार को आयोजित एक कॉन्क्लेव के दौरान कही. मनमोहन वैद्य मालवीय नगर के पाथेय कण संस्थान सभागार में तीन दिवसीय सोशल मीडिया कॉन्क्लेव के दौरान मौजूद थे.
इस दौरान कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में 'भारत का विचार' विषय पर संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री और आईएएस संजय दीक्षित ने भी अपने विचार रखे.
इस दौरान मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत का विचार आध्यात्मिकता है. यह सर्व समावेशी मानवता का विचार है. भारत का विचार कभी भी सांप्रदायिक नहीं हो सकता. भारत में कुछ लोगों ने टोलरेंस असहिष्णुता शब्द उत्पन्न कर दी हैं, यह शब्द हमारे कतई नहीं है.
उन्होंने कहा कि भारत की परिकल्पना विविधता में एकता की है. यहां एक आम हिंदू के घर में कई देवी-देवताओं के चित्र मिल जाएंगे.उन्होंने कहा कि धर्म समाज का सोशल कैपिटल बढ़ाने का मार्ग है. समाज मालिक है और सरकार नौकर, ऐसे में जो समाज राज्य पर आश्रित हुआ व दुर्बल हो जाता है. लेकिन हिंदू समाज में ऐसा नहीं है.
वैद्य ने कहा कि आज देश में भारत को नकारने का फैशन चल पड़ा है. भारत की बात करने वाली को सांप्रदायिक कहने लगे हैं हमें इसे बदलना होगा. उन्होंने कहा धर्म भारत का मूल स्वभाव है लेकिन आजकल धर्म की बात करना दकियानूसी माना जाता है.
इस दौरान सभागार में मौजूद लोगों से वैद्य ने कहा कि हमें अपनी बात अपनी शब्दावली में कहना चाहिए. कुछ शब्द ऐसे हैं जिनका हमें ज्ञान नहीं है हम अपने शब्द भूल गए हैं.
वैद्य ने कहा कि गीत राष्ट्रवाद हमारा शब्द नहीं है. हमारा शब्द राष्ट्रीय है, सेकुलरिज्म का भारत की किसी भी भाषा में कोई अर्थ नहीं है. लेकिन इसे जबरदस्ती ढोया जा रहा है.
हिंदुत्व की बात पर वैद्य ने कहा कि आजकल लोग धर्म के नाम पर दुकान बिजनेस चला रहे हैं. जिस कारण लोगों ने हिंदुत्व को नकारना शुरू कर दिया है. जिसे हमें बदलना होगा. उन्होंने कहा कि संघ का काम समाज समाज को जोड़कर राष्ट्र को खड़ा करना है.